कबिता
याद मे पल भर पूरी रात सोये नहीं हैं,
हर नजर घड़ी की सुई पर रखे हुए है,
न जाने ये रात कितनी हजारों सालो का हो रखा था,
न जाने लोग इस को प्यार कहते है,
क्या दिन क्या रात एक बराबर हुआ रखा था!
राइटर by Dr. M. H.Asad.
आज रात 3:3am मे इस छोटी सी कबिता को लिखा गया मेरे द्वारा,
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