याद मे पल भर पूरी रात सोये नहीं हैं, हर नजर घड़ी की सुई पर रखे हुए है, न जाने ये रात कितनी हजारों सालो का हो रखा था, न जाने लोग इस को प्यार कहते है, क्या दिन क्या रात एक बराबर हुआ रखा था! राइटर by Dr. M. H.Asad. आज रात 3:3am मे इस छोटी सी कबिता को लिखा गया मेरे द्वारा,